Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2017 · 1 min read

स्वप्न और मन

रात की चादर ओढ़
स्वप्न करते है
चहल-पहल
रंग बिरंगी बग्घी में बैठ
गुफ़्तगू करते है
हवाओ से
दी है दस्तक रंगीन लोक में
ये बिखरते है रंग
तरह तरह के
भीड़-भाड़ है
रंगीन स्वप्न की
हर कोई कहते है
अपनी शैली
कुछ अच्छी तो कुछ बुरी
ये मायाजाल है
रंगीन स्वप्न का

रिश्ता है गहरा
स्वप्न का
मन से
ये जनक है
रंगीन स्वप्नों के

परिंदा है मन तो
जो उड़ै
पंख लगाकर
ख्यालों के
उन्मुक्त गगन में
डाल डाल तो
पाथ पाथ
न देख सके
तेज आँखे
न वो आधीन है
हाथ के
न कोई रुप
न कोई रंग
न कोई आकार
तू निहारता अद्य को
किन्तु भटकता है
जाने कहाँ कहाँ

मन है
जितना सुन्दर,
जितना निर्मल,
जितना पवित्र और
जितना पारदर्शी
स्वप्न भी होते है
उसी तरह
उतने स्पष्ट,
उतने सटीक
उतने सुलझे और
उतने सुन्दर
य ही तो
अटूट रिश्ता है
स्वप्न का मन से

Language: Hindi
418 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
।। श्री सत्यनारायण ब़त कथा महात्तम।।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हुईं मानवीय संवेदनाएं विनष्ट
हुईं मानवीय संवेदनाएं विनष्ट
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
मकर संक्रांति
मकर संक्रांति
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
दिल की बात
दिल की बात
Ranjeet kumar patre
23/46.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/46.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
पत्नी से अधिक पुरुष के चरित्र का ज्ञान
पत्नी से अधिक पुरुष के चरित्र का ज्ञान
शेखर सिंह
रानी लक्ष्मीबाई का मेरे स्वप्न में आकर मुझे राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना ......(निबंध) सर्वाधिकार सुरक्षित
रानी लक्ष्मीबाई का मेरे स्वप्न में आकर मुझे राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करना ......(निबंध) सर्वाधिकार सुरक्षित
पंकज कुमार शर्मा 'प्रखर'
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
■ आप आए, बहार आई ■
■ आप आए, बहार आई ■
*प्रणय प्रभात*
फायदा
फायदा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
एक होस्टल कैंटीन में रोज़-रोज़
Rituraj shivem verma
मै ना सुनूंगी
मै ना सुनूंगी
भरत कुमार सोलंकी
"जोड़ो"
Dr. Kishan tandon kranti
जाने किस मोड़ पे आकर मै रुक जाती हूं।
जाने किस मोड़ पे आकर मै रुक जाती हूं।
Phool gufran
कसीदे नित नए गढ़ते सियासी लोग देखो तो ।
कसीदे नित नए गढ़ते सियासी लोग देखो तो ।
Arvind trivedi
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
यादों की किताब बंद करना कठिन है;
Dr. Upasana Pandey
आब त रावणक राज्य अछि  सबतरि ! गाम मे ,समाज मे ,देशक कोन - को
आब त रावणक राज्य अछि सबतरि ! गाम मे ,समाज मे ,देशक कोन - को
DrLakshman Jha Parimal
ग़ज़ल
ग़ज़ल
rekha mohan
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
मोह
मोह
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
महीना ख़त्म यानी अब मुझे तनख़्वाह मिलनी है
Johnny Ahmed 'क़ैस'
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
मोदी का अर्थ महंगाई है ।
मोदी का अर्थ महंगाई है ।
Rj Anand Prajapati
घर पर घर
घर पर घर
Surinder blackpen
मेरे भाव मेरे भगवन
मेरे भाव मेरे भगवन
Dr.sima
एक तरफे इश्क़ के आदि लोग,
एक तरफे इश्क़ के आदि लोग,
ओसमणी साहू 'ओश'
बुली
बुली
Shashi Mahajan
वक़्त को वक़्त
वक़्त को वक़्त
Dr fauzia Naseem shad
प्रतियोगिता के जमाने में ,
प्रतियोगिता के जमाने में ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
माँ से मिलने के लिए,
माँ से मिलने के लिए,
sushil sarna
Loading...