“स्वतंत्रता दिवस”
कुर्बान हुए जो इस जननी पर, क्यूं भूल उन्हें हम जाते हैं
याद करने को फिर उनकी गाथा. क्यूं एक दिवस ही पाते हैं।
हर रोज जिन्होंने दिया रक्त, हिन्द को आजाद कराने को
हर रिश्ता नाता छोड़ चले, रणभूमि में शीश चढ़ाने को
होली, दीवाली भूल गये, अपना कर्तव्य निभाने को.
हंसते हुए फंदे पर झूल गये, हमको स्वतंत्र कराने को
सुखदेव, आजाद और भगतसिंह ने युवाओं में जोश बढ़ाया था
नेता जी की हिन्द फौज ने आक्रामक रुख दिखाया था
बापू ने तो सत्य -अहिंसा का अद्भुत मार्ग अपनाया था
इन सबने यूं मिल-जुलकर ही तो स्वतंत्र भारत करवाया था
अनेक नाम अंकित इतिहास में जिनको हम आज पढ़ पाते हैं
जिनके बलिदानों के कारण हम श्वास स्वछंद ले पाते हैं
कुर्बान हुए जो इस जननी पर क्यूं भूल उन्हें हम जाते हैं
याद करने को फिर उनकी गाथा. क्यूं एक दिवस ही पाते हैं।
लें संकल्प आज हम मिलकर यूं उनको न भूल जायेंगे
हर श्वास संग हम प्रतिदिन स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे
जय हिंद – जय भारत
डॉ. कामिनी खुराना (एम.एस., ऑब्स एंड गायनी)