Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2024 · 3 min read

*स्वतंत्रता सेनानी श्री शंभू नाथ साइकिल वाले (मृत्यु 21 अक्ट

स्वतंत्रता सेनानी श्री शंभू नाथ साइकिल वाले (मृत्यु 21 अक्टूबर 2004)
_________________________
लेखक: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश मोबाइल 9997615451
(यह लेख 25 अक्टूबर 2004 सहकारी युग हिंदी साप्ताहिक रामपुर अंक में प्रकाशित हो चुका है।)
____________________________
21 अक्टूबर 2004 बृहस्पतिवार को प्रातः 11:00 बजे श्री शंभू नाथ जी साइकिल वाले स्वर्ग सिधार गए। आपकी आयु लगभग 90 वर्ष थी। अनेक व्यक्तियों को भ्रांति है कि शरीर 85 वर्ष के बाद काम नहीं कर पाता है। किंतु श्री शंभू नाथ जी ने इस भ्रांति को झुठला दिया था। मृत्यु से कुछ महीने पूर्व जबकि वह हड्डी टूटने के कारण काफी कमजोर हो गए थे, वह जरूर कामकाज नहीं कर पा रहे थे। किंतु इसके अलावा यह विश्वास पूर्वक कहा जा सकता है कि वह अंत तक पूर्ण सक्रिय रहे।

वह पैदल चलते थे। उनके हाथ में घुमावदार मूठवाली डिजाइन की छड़ी रहती थी। उनके कदम उनकी आयु को देखते हुए काफी तेज चलते थे। भीड़भाड़ वाली सड़कों पर भी वह पूरी सक्रियता से चलते-फिरते रहते थे। एक बार कहीं उनसे जिक्र हुआ था कि वह रेलगाड़ी का सफर भी अकेले ही कर लेते हैं। यह मृत्यु से एक आध साल पहले की बात थी। सुनकर आश्चर्य होता था। पर शंभू नाथ जी की सक्रियता और गतिशीलता बहुत मुखर थी। उनकी खादी की वेशभूषा उन्हें सैंकड़ों की भीड़ में अलग ही खड़ा कर देती थी। खादी भी ऐसी कि नितांत मोटा खद्दर ही उसको कहा जाएगा। खादी का कुर्ता, जवाहर कट तथा टोपी- यही उनकी पहचान थी। उनका सोच-विचार और बातचीत बहुत व्यवस्थित होती थी। वह नाप-तोलकर शब्द बोलते थे और जितना कहते थे वह उतना ही होता था जो कहा जाना चाहिए।

वह अच्छे वक्ता थे। वह विद्वान थे। उनके भाषण उच्च कोटि के उनके अध्ययन को प्रमाणित करते थे। एक बार इन पंक्तियों के लेखक की पुस्तक के लोकार्पण पर उन्होंने कृपा पूर्वक बहुत लंबा भाषण दिया था, जिसकी उज्ज्वल स्मृतियां आज भी ताजा हैं।

सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह असंदिग्ध रूप में हमारे स्वाधीनता आंदोलन के एक सिपाही थे। स्वतंत्रता सेनानी की उस परिभाषा में जिसमें पेंशन के लिए कतिपय प्रमाण मांगे जाते हैं, वह भले फिट नहीं बैठते हों, किंतु निश्चय ही किशोरावस्था से ही स्वतंत्र भारत के कल्पनाकारों में उनका नाम भी स्वर्ण-अक्षरों में ही लिखा जाएगा।

वह रामपुर के उन सबसे पुराने लोगों में से थे, जिन्होंने रियासत में बहुत साहस बटोर कर खादी पहनना शुरू किया था। वह सबसे पुराने कांग्रेसियों में से एक थे। वह गवाह थे उस युग के, जिसमें कांग्रेस ने आजाद भारत को लाने के लिए संघर्ष किया था। वह केवल गवाह-भर नहीं थे। वह उस यात्रा के सहयात्री थे, जो देश में आजादी लाना चाहते थे और भारत को स्वराज के कतिपय सिद्धांतों के आधार पर गठित करना चाहते थे। उनके खादी के कपड़े सिर्फ किसी फैशन या उनकी पसंद को दर्शाने वाले नहीं थे। वह उनकी अमिट स्वराज्यवादी आस्था को रेखांकित करते थे। उनका यौवन राष्ट्र निर्माण की नि:स्वार्थ भावनाओं के बीच पुष्पित-पल्लवित हुआ था। आजादी से पहले जो बहुत से लोग महात्मा गांधी से प्रेरित होकर खादी पहनने लगे थे, कांग्रेस की जय जयकार करने लगे थे और अंग्रेजों को देश से खदेड़ देने का स्वप्न देखने लगे थे, शंभू नाथ जी भी उनमें से एक थे। आज जब हम उनका स्मरण करते हैं, उनके व्यक्तित्व में रची-बसी क्रांति की यह चिंगारियां याद आती है।

कांग्रेस का गांधी जी का देने वाला साथ
आजादी के लिए तिरंगा लिए बढ़े दो हाथ
डिगे नहीं आदर्शों से आजीवन खद्दरधारी
भारत माता के सपूत थे ऐसे शंभू नाथ

202 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
व्योम को
व्योम को
sushil sarna
वर्तमान समय में महिलाओं के पुरुष प्रधान जगत में सामाजिक अधिकार एवं अस्मिता हेतु संघर्ष एक विस्तृत विवेचना
वर्तमान समय में महिलाओं के पुरुष प्रधान जगत में सामाजिक अधिकार एवं अस्मिता हेतु संघर्ष एक विस्तृत विवेचना
Shyam Sundar Subramanian
दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया
दो वक्त के निवाले ने मजदूर बना दिया
VINOD CHAUHAN
मुक्तक
मुक्तक
surenderpal vaidya
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
अंधकार जितना अधिक होगा प्रकाश का प्रभाव भी उसमें उतना गहरा औ
Rj Anand Prajapati
कर ले प्यार
कर ले प्यार
Ashwani Kumar Jaiswal
जब तुम खामोश रहती हो....
जब तुम खामोश रहती हो....
सुरेश ठकरेले "हीरा तनुज"
जिगर धरती का रखना
जिगर धरती का रखना
Kshma Urmila
भ्रातत्व
भ्रातत्व
Dinesh Kumar Gangwar
त्योहार
त्योहार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
3486.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3486.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
" रंग-तरंग "
Dr. Kishan tandon kranti
जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में
जो भगवान श्रीकृष्ण अपने उपदेश में "धर्मसंस्थापनार्थाय संभवाम
गुमनाम 'बाबा'
"खुद का उद्धार करने से पहले सामाजिक उद्धार की कल्पना करना नि
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
जिंदगी
जिंदगी
Adha Deshwal
Sharing makes you bigger than you are. The more you pour out
Sharing makes you bigger than you are. The more you pour out
पूर्वार्थ
"अनुरोध"
DrLakshman Jha Parimal
मैं बड़ा ही खुशनसीब हूं,
मैं बड़ा ही खुशनसीब हूं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दिल से हमको
दिल से हमको
Dr fauzia Naseem shad
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
*अगर तुम फरवरी में जो चले आते तो अच्छा था (मुक्तक)*
Ravi Prakash
Let us create bridges to connect people beyond boundaries,
Let us create bridges to connect people beyond boundaries,
Chitra Bisht
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आकांक्षा : उड़ान आसमान की....!
आकांक्षा : उड़ान आसमान की....!
VEDANTA PATEL
उस रिश्ते की उम्र लंबी होती है,
उस रिश्ते की उम्र लंबी होती है,
शेखर सिंह
बिन बोले सुन पाता कौन?
बिन बोले सुन पाता कौन?
AJAY AMITABH SUMAN
आज फ़िर एक
आज फ़िर एक
हिमांशु Kulshrestha
#अद्भुत_प्रसंग
#अद्भुत_प्रसंग
*प्रणय*
सत्य की विजय हुई,
सत्य की विजय हुई,
Sonam Puneet Dubey
अहमियत 🌹🙏
अहमियत 🌹🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
प्यार टूटे तो टूटने दो ,बस हौंसला नहीं टूटना चाहिए
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Loading...