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13 Feb 2024 · 1 min read

19, स्वतंत्रता दिवस

🇮🇳स्वतंत्रता दिवस 🇮🇳
आजादी के जश्न में….
सर फक्र से उठ जाते हैं।
शहीदों को याद कर…
शीश स्वत: झुक जाते हैं।
जहां डाल-डाल पर सोने के…
पंछी घरोंदे बनाते हैं।
देशभक्तों की याद में…
जयहिंद के नारे लगाते हैं।
देश की आन-शान पर..
सीने छलनी हो जातें हैं।
😔अफ़सोस कि …
अब स्वतंत्रता का हम …
क्यूँ अर्थ गल्त लगाते हैं।
आजादी की आड़ में…
सब संस्कार भूल जाते हैं।
स्वच्छंदता से विचरण करते…
निर्भया से कांड कर जाते हैं।
दुश्मन से लोहा न लेकर…
श्रद्धा का संहार कर जाते हैं।
🙏🙏आओ🙏🙏…
अब ये प्रण करें ‘मधु’ …
किसी अबला के अश्रु ना बहाएगें!
हर नारी को माँ,बहन-बेटी का दर्जा दे..
सम्मान से शीश नवाऐंगें!!
हर पल आदर- सत्कार से…
आजादी का जश्न मनाएंगे!!!

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Books from Dr .Shweta sood 'Madhu'
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