स्वंम की खोज
स्वम् की खोज बाहर नही,
अपने भीतर की जाती है।
कर्म और कर्तव्यों से विमुख
ज्ञान नही मिलता
तपस्या करने से।
हासिल होता है,
कर्तव्य पुरे करने से।
जिंदगी एक आतिशबाजी है।
जैसे चाहे,वैसे मनाये ,
तरह तरह के पटाखे
पटाखों की कमी नही
विभिन्न रंगो के पटाखे
करना है तय आपको
इस्तेमाल करना है
कौन सा कब
इस तरह आप जिंदगी को
भरपूर रख सकते
उत्साह और उमंग से
मन के भ्रमो को पार
जो निकलते है आगे
लिखी है नई इबारत