Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Feb 2021 · 1 min read

स्मृति

” दीदी ” , तुमको याद है पिछली बार जब हम सब बहिनें मायके आई थी तो माँ ने कैसे आम के पैर पर झूला डाल रखो थो
बारी – बारी से हम चारों झूलती और सखियाँ झोटा देती थी ।
हाँ बहिना , याद है और गाँव का वो रमुआ पीछे से ऊँचो सो झोटा देकर भाग जात , हम सबन की डर से घिघ्घी बँघ जाती , याद है बहना ।
दीदी , तू उसे पकड़ फिर मारती , याद है तुझे ।
हाँ बहना , छुटकी ने तो कमाल ही कर दियो जैसे रमुआ झोटा देकर गयो वाने ऊपर ते ही आमु उसकी नाक पे ऐसो दियो ,फिर जो हुओ तुझे याद है , दीदी । हाँ बहना ,
दीदी , पर अबके तो जै कोरोना ने ऐसो प्रान पियो है अबके न मिल सकेगीं हम चारों बहना ।
हाँ बहना तू सही कहत है ।

Language: Hindi
80 Likes · 2 Comments · 453 Views
Books from DR.MDHU TRIVEDI
View all

You may also like these posts

कॉमेडी किंग- चार्ली चैपलिन
कॉमेडी किंग- चार्ली चैपलिन
Dr. Kishan tandon kranti
4295.💐 *पूर्णिका* 💐
4295.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
दूहौ
दूहौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
तेरी यादों को रखा है सजाकर दिल में कुछ ऐसे
Shweta Soni
प्यासी कली
प्यासी कली
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पारितन्त्र
पारितन्त्र
Madhuri mahakash
साँवरिया भजन अरविंद भारद्वाज
साँवरिया भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
हिंदी दोहे- कलंक
हिंदी दोहे- कलंक
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
नदी की बूंद
नदी की बूंद
Sanjay ' शून्य'
गंगा ....
गंगा ....
sushil sarna
प्रकृति हमारा आधार
प्रकृति हमारा आधार
Sudhir srivastava
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
Keshav kishor Kumar
ज्ञानी
ज्ञानी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
संप्रेषण
संप्रेषण
Shashi Mahajan
ज़िंदगी, ज़िंदगी ढूंढने में ही निकल जाती है,
ज़िंदगी, ज़िंदगी ढूंढने में ही निकल जाती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चल‌ मनवा चलें....!!!
चल‌ मनवा चलें....!!!
Kanchan Khanna
#बाल_दिवस_से_क्या_होगा?
#बाल_दिवस_से_क्या_होगा?
*प्रणय*
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
नेमत खुदा की है यह जिंदगी
नेमत खुदा की है यह जिंदगी
gurudeenverma198
अभिषापित प्रेम
अभिषापित प्रेम
दीपक झा रुद्रा
झलक को दिखाकर सतना नहीं ।
झलक को दिखाकर सतना नहीं ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
बेजुबाँ सा है इश्क़ मेरा,
बेजुबाँ सा है इश्क़ मेरा,
शेखर सिंह
कविता की महत्ता।
कविता की महत्ता।
Rj Anand Prajapati
*टूटी मेज (बाल कविता)*
*टूटी मेज (बाल कविता)*
Ravi Prakash
आप अगर अंबानी अडाणी की तरह धनवान हो गये हैं तो माफ करना साहब
आप अगर अंबानी अडाणी की तरह धनवान हो गये हैं तो माफ करना साहब
Dr. Man Mohan Krishna
"हम सभी यहां दलाली कर रहे हैं ll
पूर्वार्थ
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
भाषाओं पे लड़ना छोड़ो, भाषाओं से जुड़ना सीखो, अपनों से मुँह ना
DrLakshman Jha Parimal
तुमको भूला कभी नहीं कहते
तुमको भूला कभी नहीं कहते
Dr fauzia Naseem shad
Loading...