स्त्री
***स्त्री***
स्त्री कुदरत की है पहचान
स्त्री के बगैर ये
सारा जहां है बीरान ।
स्त्री धरती माँ के है समान
स्त्री सब सहती है पर
रहती है सदा कर्तव्य पथ पर विधमान ।।
पहले बेटी का कर्तव्य फिर
पत्नी, बहूॅ और माँ के रूप में
करती सदा परिवार का कल्याण
ऐ है एक स्त्री की पहचान ।।।
***दिनेश कुमार गंगवार ***