स्कूल …
स्कूल ………
किसने है ये स्कूल बनाए
कोई हमको जरा बताए
टीचर जी से डर लगता है
रोज रोज पढ़ना पड़ता है
होमवर्क लगता है दुश्मन
मम्मी से करवाता अनबन
दोस्त यहां बस मिलते प्यारे
शोर मचाते मिल कर सारे
टन टन टन जब घंटी बजती
लगे जेल से छुट्टी मिलती
कितना प्यारा होता बचपन
नहीं अगर पढ़ने का बंधन
25.05.2021
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद