स्कूल की यादें
********** स्कूल की यादें *********
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भुलाए नहीं है भूलती स्कूल की यादें,
दिल को है झकझोड़ती स्कूल की यादें।
आज भी जब उस गली में से है गुजरते,
याद आते है बगल में लटकाए भारी बस्ते,
फिर से जाता हो जाती स्कूल की यादें।
भुलाए नही है भूलती स्कूल की यादे।
साईकल पर सवार होकर स्कूल में जाना,
लड़ना,झगड़ना,रूठना और गले लगाना,
बड़ी मनभावनी लुभावनी स्कूल की यादें।
भुलाए नही है भूलती स्कूल की यादें।
आपस मे मिल बांट कर खाना वो खाना,
सुन्दर कन्या को चोरी से मन में बसाना,
दीवानों सी हैं वो मस्तानी स्कूल की यादे।
भुलाए नही है भूलती स्कूल की यादें।
बैक बेंचर बनकर सब से पीछे बैठ जाना,
मैडम से आँखे बचाकर वो आँखे लगाना,
कभी रुलाती तो हंसाती स्कूल की यादें।
भुलाए नही है भूलती स्कूल की यादे।
मनसीरत मन करता है बच्चा बन जाऊँ,
नन्हें नन्हें हाथों से फिर से मैं बस्ता उठाऊँ,
बचपन को याद करवाती स्कूल की यादें।
भुलाए नही है भूलती स्कूल की यादें।
भुलाए नही है भूलती स्कूल की यादे।
दिल की है झकझोड़ती स्कूल की यादें।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)