सौ बार नमन हैं*
सौ बार नमन हैं उनको,
जिसने विश्व में पहचान बनाया हैं।
तमगा लेकर वीरता का,
देश का सम्मान बढ़ाया हैं।।
कट जाए सर चाहे वतन पर ,
वो कभी नहीं झुकते हैं।
खाते सीने पर गोली,
पर बढ़ते कदम नहीं रुकते हैं।
शस्त्र उठाकर हाथों में जब,
योद्धा युद्धक्षेत्र में आते हैं
सुनकर उनकी चीखों को,
आतंक भी घबराते हैं।
जब जब इस धरा पर,
दुष्टों का अत्याचार होता है।
तब इंतक़ाल करने पापों का,
प्रभु का अवतार होता है।
पानी से प्यासी धरा को,
अपनी लहू से सींचते हैं।
आर्यावर्त के इस भूमि पर,
वही इतिहास रचते हैं।
धन्य है वो माता जिसने ,
ऐसे वीर को जन्म दिया है।
तमगा लेकर वीरता का,
देश का सम्मान बढ़ाया हैं।।
@शिल्पी सिंह