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15 May 2023 · 1 min read

सौन्दर्य

सौन्दर्य ऐसा सृजित हो,
सुंदर भावना उदित हो।

सुंदर मन का वास हो,
न रुप का परिहास हो।

नेक कर्मो का नया आवेग हो,
निस्वार्थ से जुड़ा हर संवेग हो।

सौन्दर्य ऐसा पुलकित एहसास है,
जो नये दृष्टिकोण का करता विकास है।
।। रुचि दूबे।।

Language: Hindi
1 Like · 99 Views
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