“सोच”
??सोच??
गहराई समझ समझ के पाई गहराई!
कितनी तसल्ली,कितना संतोष,क्या समझ आई?
ईश्वर की कृपा ले कर साथ,आशीर्वाद की कमी ना पाई ??
ठहराव मन की सहनशीलता, क्या..व्याकुलता,उत्सुकता ही चिंता?
क्या समझा और क्या समझ में ना आई????
??सोच??
गहराई समझ समझ के पाई गहराई!
कितनी तसल्ली,कितना संतोष,क्या समझ आई?
ईश्वर की कृपा ले कर साथ,आशीर्वाद की कमी ना पाई ??
ठहराव मन की सहनशीलता, क्या..व्याकुलता,उत्सुकता ही चिंता?
क्या समझा और क्या समझ में ना आई????