सोच समझकर कीजिए कर्म सदा श्रीमान
सोच समझकर कीजिए, कर्म सदा श्रीमान
लोक और परलोक में, कर्म गति रहे महान
शुभ कर्मों का शुभ सदा, अशुभ, अशुभ ही होय
कीर्ति यश वैभव बड़े, अशुभ सदा ही खोए
कोई न जाने करम गति, कब कैंसी आ जाए
अगला पिछला जोड़कर, कब हिसाब हो जाए
ईश्वर पर विश्वास रख, करत रहो शुभ काम
लोक और परलोक में, सदा बनेंगे काम
सुरेश कुमार चतुर्वेदी