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17 Feb 2022 · 1 min read

सोच कर मन भी मेरा

सोच कर मन भी
मेरा भर आया
स्मरण उसको
क्यों नहीं आया
भ्रम टूटा जो
मेरे स्पन्नो का
मन विश्वास कर
नहीं पाया
राह तकते हैं
नैन क्यों उसके
लौट कर जो
कभी नहीं आया ।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
11 Likes · 2 Comments · 432 Views
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