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24 Mar 2019 · 1 min read

सोचते-सोचते

तुम्हारा प्रणय
जो आँखों में दिखता है
सच है
या आँकलन मेरा!
जीवन भर बसने का
दृढ संकल्प है या
परदेशी सा
हृदय आँगन में
केवल क्षणिक बसेरा है तुम्हारा !
क्या यूँ ही उम्र गुजर जाएगी
सोचते सोचते !

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 595 Views
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