सोचता हूं कैसे भूल पाऊं तुझे
सपना सोते हुए ना, दिखाओ मुझे
अपनी यादों से, अब ना, सताओ मुझे
चाह कर भी ना, अपना कह पाऊं तुझे
सोचता हूँ मैं कैसे, भूल पाऊँ तुझे
बैठे – बैठे बीत जाते, घड़ी दो घड़ी
कैसे जोड़ों तेरे बीन, जीवन की कड़ी
कोयल बनके मैं लोरी सुनाऊं तुझे
सोचता हूँ मैं कैसे, भूल पाऊँ तुझे