सैनिक
पंछी लौट अपने नीड़ से आया,
चाहत में कुछ सुख छोड़ आया,
सारा वतन ही अपना घर है,
ऐसे भाव लेकर वह आया है,
तुम खुश रहो अपने परिवार संग,
हम तो लड़ रहे दुश्मन से जंग,
सर्दी हो या गर्मी हम तो डटे सरहद,
तुम मना सको खुशियाँ होकर गदगद,
देश का मान बड़े और सम्मान बड़े,
हम अंतिम सांस तक हँसते हुए लड़े,
तुम आपस में रहो मिलकर ,
बना लो अपने रिश्ते मधुर,
जगा लो अपनी सोयी चेतना,
मिट जाएगी सारी वेदना ,
(मन की मधुर चेतना…..✍)