बुलन्दी
जिन्दगी एक परमेश्वर की प्रतिभा है,
जो कि बहुत अनोखी है,
जिन्दगी का यह सिद्धांत है कि,
जिंदगी में कुछ लहना है,
तो कुछ उड़ासना पड़ता है।
जिन्दगी में बुलन्दी को परसना है
तो त्याग हमें करना होगा
कभी गृहस्थ का,कभी विद्यालय का
तो कभी गुरुओं का भी।
जिन्दगी में बुलन्दी को परसना है,
तो बलिदान हमें उड़ेलना होगा,
कभी परिवारों का,कभी दोस्तों का,
तो कभी स्वयं का भी।
जिन्दगी में बुलन्दी को परसना है,
तो लक्ष्य में चयन करना होगा,
और तन मन से उस लक्ष्य की ओर,
अग्रसर हमें होना होगा,
और काँटे भरी राहों पे चल,
लक्ष्य को प्राप्त करना होगा।
लेखक :- उत्सव कुमार आर्या
जवाहर नवोदय विद्यालय बेगूसराय,बिहार