सैनिक शौर्य
दो मुक्तक
आतंकी की मौत पर, जिसको लगती चोट।
आज उजागर हो गया, मन में उसके खोट।
काला दिन गद्दार की, कहे मौत को पाक।
हों ऐसे दिन रोज ही, कहते हम बे-ओट।
*******
सीना फूला गर्व से, सैन्य बलों का आज।
आतंकी को मारकर, करते हैं आगाज।
शौर्य दिवस मनता रहे, कम हो गंदा खून।
गोली के दम से सदा, दुश्मन आता बाज।
अंकित शर्मा’ इषुप्रिय’
रामपुर कलाँ,सबलगढ(म.प्र.)