Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2024 · 1 min read

सैनिक का सावन

पात पात हरियाली छाई , सावन की है ये अंगड़ाई
महकी वसुधा महकी माटी,अब फुहार ने तपन मिटाई

आशाओं के पुष्प खिले हैं , बिछड़े कितने मीत मिले हैं
नेह के सारे बंध खुले हैं ,धानी चुन्दरिया उड़ उड़ गाई

एक सीमा पर प्रहरी बैठा, सजनी का सोचे वो मुखड़ा
गाल पे भीगा आया टुकड़ा, और तभी बजली कड़काई

कल परसों की बात सुनाऊं, एक सजनी की नियति बताऊँ
अभी तो मेंहदी हाथ लगी थी, जब अर्थी को दी उसने विदाई

समय अगर न पानी वरसे, खलिहानों की धरती तरसे
कोई न करना गलती फिर से, देखो किसको राज थमाई

Language: Hindi
1 Like · 96 Views
Books from Dr.Pratibha Prakash
View all

You may also like these posts

उगें हरे संवाद, वर्तमान परिदृश्य पर समग्र चिंतन करता दोहा संग्रह।
उगें हरे संवाद, वर्तमान परिदृश्य पर समग्र चिंतन करता दोहा संग्रह।
श्रीकृष्ण शुक्ल
उजले दिन के बाद काली रात आती है
उजले दिन के बाद काली रात आती है
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
जिंदगी का फ़लसफ़ा
जिंदगी का फ़लसफ़ा
मनोज कर्ण
शेखचिल्ली
शेखचिल्ली
Mukund Patil
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
कवि रमेशराज
वो कपटी कहलाते हैं !!
वो कपटी कहलाते हैं !!
Ramswaroop Dinkar
अनुभव अमूल्य कसौटी हैं , मेरे पास एक दिपक हैं , जो मुझे मार्
अनुभव अमूल्य कसौटी हैं , मेरे पास एक दिपक हैं , जो मुझे मार्
Raju Gajbhiye
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रदीप माहिर
कुछ लोग
कुछ लोग
Dr.Pratibha Prakash
सागर
सागर
विजय कुमार नामदेव
यदि लोग आपको एक अच्छे इंसान के रूप में देखना चाहते हैं, तो व
यदि लोग आपको एक अच्छे इंसान के रूप में देखना चाहते हैं, तो व
पूर्वार्थ
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
अहं प्रत्येक क्षण स्वयं की पुष्टि चाहता है, नाम, रूप, स्थान
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*जाते हैं जग से सभी, राजा-रंक समान (कुंडलिया)*
*जाते हैं जग से सभी, राजा-रंक समान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा
द्रुत विलम्बित छंद (गणतंत्रता दिवस)-'प्यासा"
Vijay kumar Pandey
उसे दुःख होगा
उसे दुःख होगा
Rajender Kumar Miraaj
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
सत्ता की हवस वाले राजनीतिक दलों को हराकर मुद्दों पर समाज को जिताना होगा
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
ए मेरे चांद ! घर जल्दी से आ जाना
Ram Krishan Rastogi
आ अब लौट चलें.....!
आ अब लौट चलें.....!
VEDANTA PATEL
तुम बिन
तुम बिन
ललकार भारद्वाज
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
पंचांग के मुताबिक हर महीने में कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोद
Shashi kala vyas
होगे बहुत ज़हीन, सवालों से घिरोगे
होगे बहुत ज़हीन, सवालों से घिरोगे
Shweta Soni
''फॉलोवर्स
''फॉलोवर्स" का मतलब होता है "अनुगामी।"
*प्रणय*
आस्था
आस्था
Neeraj Agarwal
हिंदी दिवस पर हिंदी भाषा :मेरे कुछ मुक्तक
हिंदी दिवस पर हिंदी भाषा :मेरे कुछ मुक्तक
Sushila joshi
बचपन
बचपन
Rekha khichi
# खरी बात
# खरी बात
DrLakshman Jha Parimal
પૃથ્વી
પૃથ્વી
Otteri Selvakumar
24/254. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/254. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दिन भर घूमती हैं लाशे इस शेहर में
दिन भर घूमती हैं लाशे इस शेहर में
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
" सूत्र "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...