सेना की हुंकार
बैरी को चढने लगा,सौ से अधिक बुखार!
सीमा पर जब भी भरी, सेना ने हुंकार !!
दिये हमेशा फौज ने, उन्हे कसैले घाव!
सीमा पर जब भी हुआ,बैरी से टकराव!!
सेना पर छिपकर करें,दहशतगर्द प्रहार !
मिल जायें जब देश के.बैरी से गद्दार ! !
सीमा पर मुस्तैद है,सदा हमारी फौज !
नेताओं की देश मे,..इसीलिए है मौज ! !
रमेश शरma