सेंटा क्लॉज
सेंटा क्लॉज
हर घर में होता है एक सेंटा
जो सिर्फ क्रिसमस पर नहीं ,
रोज़ आता है तोहफे लेकर
अपने अपनों के लिए ।
महीने का राशन,
पिता का चश्मा,
मां की दवाई,
मुन्ना की किताब,
मुन्नी का फराक।
और पत्नी के लिए कुछ समझौते।
खुद के लिए थकान,
ले चेहरे पर झूठी मुस्कान।
आता है हर घर रोज़।
जब बिटिया पूछती है
“पापा इस साल भी आयेगा सेंटा
तोहफे लेकर”
जेब टटोलते हुए कहता है वो
” हां बिटिया इस साल भी जरूर आयेगा,
तू जल्दी से सो जा,मीठे सपनों में खो जा”
रात को चुपके से बिटिया के सिरहाने
रख देता है एक प्यारी सी गुड़िया।
और मुन्ना के सिरहाने रखता है
एक रिमोट वाली कार।
या कोई अच्छा सा उपहार।
सिर्फ और सिर्फ अपने बच्चों की
देखने को प्यारी मुस्कान।
भुला देता है अपनी हर थकान।
आंखें मलते हुए पूछते हैं दोनों
“कब आया था पापा,हमें जगाया क्यों नहीं?”
झूठे सच्चे जवाब देकर
चल देता है वो
रोज़ की तरह काम पर
नये साल पर भी तो
उपहार चाहिए सब को।😌😔
सुरिंदर कौर