सूर्य की पूजा है…… छठ पूजा।
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सूर्य की पूजा है …..छठ पूजा,
यह आस्था विश्वास का है नाम दूजा।
यह है प्रकृति की पूजा,
नदी ,चन्द्रमा,और सूर्य की पूजा।
यह है स्वच्छता का महान उत्सव,
समाजिक परिदृश्य का महापर्व।
साफ-सूथरा घर आँगन,
यह पर्व है बड़ा ही पावन।
सजे हुए हैं नदी,पोखर,तलाब,
दीपों से जगमग रौशन घाट।
हवन से सुगंधित वातावरण,
सात्विक विचारों का अनुकरण।
सुचितापूर्ण जीवन का संगीत,
धार्मिक परम्पराओं का प्रतीक।
सुमधुर छठ का लोक गीत,
दिल में भरे अपनत्व और प्रीत।
भक्ति और अध्यात्म से युक्त,
तन मन निर्मल और शुद्ध।
स्वच्छ सकारात्मक व्यवहार,
समाज के उन्नति का आधार।
भोजन के साथ सुख शैया का त्याग
व्रती करते हैं कठिन तपस्या।
निर्जला निराहार होता यह व्रत
व्रती पहनते नुतन वस्त्र।
उगते,डूबते सूर्य को देते अर्ध्य
ठेकुआ,कसाढ़,फल,फूल करते अर्पण।
जीवन का भरपूर मिठास
रस,गुड़,चावल,गेहूँ से निर्मित प्रसाद।
हमारी समस्त शक्ति और उर्जा का स्त्रोत,
समाजिक सौहाद्र से ओतप्रोत।
धर्म अध्यात्म से परिपूर्ण
छठ पूजा सबसे महत्वपूर्ण।
????—लक्ष्मी सिंह