सूरत
बदलेगी तेरी सूरत, खुद के संवारने से।
ख़ाक न बदलेगा, यूं सेखी बघारने से।।
काम करो खुदपर, छोड़ो फिजूल बातें।
दिनरात एक कर दो, जबतक बने न बातें।।
यदि बात बन गई तो, सूरत भी संवरेगी।
खुद के खुदा तुम्ही हो, दुनिया यही कहेगी।।
जै हिंद
बदलेगी तेरी सूरत, खुद के संवारने से।
ख़ाक न बदलेगा, यूं सेखी बघारने से।।
काम करो खुदपर, छोड़ो फिजूल बातें।
दिनरात एक कर दो, जबतक बने न बातें।।
यदि बात बन गई तो, सूरत भी संवरेगी।
खुद के खुदा तुम्ही हो, दुनिया यही कहेगी।।
जै हिंद