सूरज होने को अस्त है
सूरज होने को अस्त है(गीत)
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सूरज होने को अस्त है,
आप तो अभी भी व्यस्त हैं।
प्रभात से शाम भी हो चली,
टालमटोल तेरी ना टली,
कोशिश सारी ही पस्त हैं।
सूरज होने को अस्त है।
कभी आएगी प्यारी घड़ी,
सामने होगी वो भी खड़ी।
जान प्यार में हुई ग्रस्त है।
सूरज होने को अस्त है।
सावन की छिड़ी है झड़ी,
जान मेरी सूली पर चढ़ी,
तू तो मस्ती में मस्त है।
सूरज होने को अस्त है।
मनसीरत तो तुम है फिदा,
मर जाएंगे तुमने ली विदा,
तेरी गिरफ्त में मन त्रस्त है।
सूरज होने को अस्त है।
सूरज होने को अस्त है।
आप तो अभी भी व्यस्त है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)