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7 Jun 2023 · 1 min read

सूरज प्राची से जब झांके

सूरज प्राची से जब झांके , धरती पर मुस्काता कौन ।
खग समूह में पर फैलाये , कलरव गीत सुनाता कौन ।

धीर गंभीर नील नीरमय, रहा धरा के चरण पखार ,
उमंग लहरें मौन सिन्धु में ,बोलो सखे जगाता कौन ।

पावस की रिमझिम में हँसते, हरियाली से रंगे पात ,
सूखी शाखों को जीवन दे , राहें हरी सजाता कौन ।

ताल तलैया नदियाँ नहरें , कूप सरोवर पोखर झील ,
मस्त झूमती जल निधियों में, हिलोर भला उठाता कौन ।

घर आँगन में खेले बेटी , रखती सबका ही है मान ,
सर्वोच्च शिखर तक जाने के,सपने उसे दिखाता कौन ।

डाॅ रीता सिंह
चन्दौसी , सम्भल

Language: Hindi
315 Views
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