सूखते ही ख़्याल की डाली ,
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
तेरी यादों से सींच लेते हैं ।
बाकी रह जाए याद में बाकी,
अपनी तस्वीर खींच लेते हैं ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद
सूखते ही ख़्याल की डाली ,
तेरी यादों से सींच लेते हैं ।
बाकी रह जाए याद में बाकी,
अपनी तस्वीर खींच लेते हैं ।
डाॅ फ़ौज़िया नसीम शाद