सुसाईड नोट
एक पन्ने पर लिख कर सुसाइड नोट।
हमने कातिल को अपने जिंदगी दे दी।
वो समझता रहा मै अपनी मौत मर गया
इसी बात ने उसके होठो को हसी दे दी।
दिल की लगी को कभी वो न समझा
और हमने भी उसे नयी एक दिल्लगी दे दी।
कभी वक्त मिला तो सोचना तुम भी जरा
किसी शख्स ने अपनी उमर भर की बंदगी दे दी।
सुरिंदर कौर