सुशांत तुम फिर से आना
-: सुशांत तुम फिर से आना :-
सुशांत तुम फिर से आ जाना
अपने सुनहरे सपनों को पूरा कर जाना
जो थे तुम्हारे ख्वाब वो तुम्हारे
चलने के साथ ही हो गए शांत
तुम फिर से आना मेरे सुशांत !
नहीं था किसी का हाथ तुम्हारे सर पर
सिवाय उपरवाले के !
तुम जो कुछ थे अपने दम पर थे
जो तुमने इतनी अल्प उम्र में पाया
वो तुम्हारी मेहनत से ही था !
अब तुम ही बताओ क्या कोई
छोड़ कर जाता इतना शीघ्र !
इस फ़िल्मी दुनियां की चमक-
दमक में न जाने तुम कँहा खो
गए ! न जाने मरने से पहले
कितनी बार मर चुके होंगे !!
जो उठाते थे गलत कदम
उनको तुम सही सलाह देते थे !
हाँ यह सही है की शारीरिक तनाव
से ज्यादा मानसिक तनाव होता है
पर क्या कोई तनाव अपनी जान
से बढ़कर होता है! बहुत गलत
हुआ तुम्हारे चाहने वालों के साथ !
तुम तो चले गए पर तुम्हारे साथ
ही न जाने कितने सपने मर गए
नवोदित कलाकारों न जो सजा
रखे थे अपने अनमोल सपने !
कौन बढ़ायेगा उनका मनोबल
शायद वो भी कमजोर पड़ जायेंगे !!
तुम्हारा ये विनम्र स्वभाव
हमें बहुत याद आयेगा
ज़ब भी शुशांत तुम याद आओगे
सब की आँखें छलकाओगे
तुम्हारा हर किरदार याद आयेगा !!
भगवान सिंह चारण, डीडवाना