सौ बार नमन है
(लता दी को शत् शत् नमन)
कोयल सी मीठी आवाज को सौ बार नमन है
सुरों की सुरीली परवाज को सौ बार नमन है
रुपहली चकाचौंध मे धर्म संस्कृति रवायत को समेटे
जीती मीरा सूर तुलसी दास को सौ बार नमन है
सावरकर के हृदय उद्गार को सुरों मे पिरोने वाली
वतनपरस्त जिंदा दिली अंदाज को सौ बार नमन है
मुमकिन हैं और भी आयें मल्लिका-ए-तरन्नुम
स्वाभिमानी अडिग शाहजादी सुरबहार को सौ बार नमन है
M.Tiwari”Ayen”