सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
ग़ज़ल
221/2122/221/2122
सुरभित पवन फिज़ा को मादक बना रही है।
दिल चाहता है जिसको शायद वो आ रही है।1
उसके ही इश्क़ में तो वर्षों से मैं दीवाना,
ये रब ही जानता है फिर क्यों सता रही है।2
है मेरा प्यार सच्चा झूठा उसे पता क्या,
शायद मुझे अभी भी वो आज़मा रही है।3
ये वो ही जानती है उसके लिए मैं क्या हूॅं
मेरे तो दर्दे दिल की वो ही दवा रही है।4
मिलती खुशी है मुझको बस नाम से ही उसके,
मेरे लिए तो जैसे वो इक दुआ रही है।5
प्रेमी सदा रहूंगा दिल में बसाया उसको,
वो धीरे धीरे धीरे अपना बना रही है।6
………✍️ सत्य कुमार प्रेमी