सुमेरु छन्द
1222 122, 2 122
रहूँ सहित्य सेवक, मैं तुम्हारा।
तुम्हीं ने आज मुझको, है सँवारा।
रहो गुरुवर सदा तुम, नित्य मेरे।
करूँ वन्दन सदा कर, जोड़ तेरे।
अदम्य
1222 122, 2 122
रहूँ सहित्य सेवक, मैं तुम्हारा।
तुम्हीं ने आज मुझको, है सँवारा।
रहो गुरुवर सदा तुम, नित्य मेरे।
करूँ वन्दन सदा कर, जोड़ तेरे।
अदम्य