सुमुखी सवैया
कोरोना ÷
सुमुखी सवैया
7 जगण लघु गुरू
कोरोना
**********
घटा घनघोर घिरी विपदा,
सब ओरन चीख पुकार मची।
लगे यह रोग हवा उड़िके,
अब जायँ कहाँ नहिं गैल बची।
ढको मुँह मास,धुलें कर खास,
विशेष बचाव सुरीति रची ।
चहे बचना यदि और उपाय,
बचा नहिं पाय सुरेश शची ।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश