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23 Jan 2020 · 1 min read

“वीर सुभाष”

आई0सी0एस0 छोड़,
“फ़ौज आज़ाद हिन्द” का भार।
अँग्रेजों से भय नहीं
कभी न मानी हार।।

” ख़ून मुझे यदि दो तुम,
दूँगा आज़ादी उपहार”।
नेता जी ” सुभाष” को,
क्योंकर बैठा देश बिसार।।

घूमे देश-विदेश, क्रान्ति की,
अलख जगी सन्सार।
छद्म रूप मेँ भारत रहकर,
किया त्याग था अपार।।

किया क्रान्ति के दूत ने,
“जै-हिन्द” का उद्घोष।
भारत-जन के हृदय में,
भरा नया ही जोश।।

विश्व-युद्ध जब दूसरा,
जापानी थे साथ।
अँग्रेज़ोँ की किरकिरी,
कभी न आए हाथ।।

भले कभी सुलझा नहीं,
अद्भुत मृत्यु-रहस्य।
अमर वीर-गाथा रहे,
युग-युगादि पर्यन्त।।

नमन क्रान्ति के वीर का,
हृद से हो सम्मान।
“आशा” अभिलाषा यही,
विस्मृत ना हो भान..!!

रचयिता-
Dr.Asha Kumar Rastogi
M.D.(Medicine),DTCD
Ex.Senior Consultant Physician,district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist,sri Dwarika hospital,near sbi Muhamdi,dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M.9415559964

Language: Hindi
12 Likes · 17 Comments · 839 Views
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