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18 Mar 2020 · 1 min read

सुभाष कौन बन पाता है

बलिदान तुम्हारा कभी जमाना भूल न पायेगा
इतिहास तुम्हारी कुर्बानी पर शीश झुकायेगा

निकल म्यान से चमक गए तुम दूधारी तलवार बने
मुल्क की कश्ती पार लगाने को तुम खुद पतवार बने

हर पोशाक गुलामी की तन से उतार कर चले गए
अंग्रेजों की ना की नौकरी लात मारकर चले गए

देश के सुंदर उपवन में फिर मधु सुगंध ले आता कौन
आजाद हिन्द न होता तो अंग्रेजों को दहलाता कौन

पट्टाभि नहीं हारा था तुमने गाँधी को था हरा दिया
जापान,जर्मनी रहकर शातिर अंग्रेजों को डरा दिया

संघर्ष निरंतर करते रहे पर तनिक नहीं घबराए तुम
नेतृत्व देश को देकर के फिर नेता जी कहलाए तुम

सबका आदर पात्र और विश्वास कौन बन पाता है
बन जाते हैं गाँधी मगर सुभाष कौन बन पाता है

Language: Hindi
340 Views
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