सुबह की धूप की पहली किरण
सुबह की धूप की पहली किरण
आज मैं चाहती हूं
तुम मुझे न छूकर
मेरे अहसासों को छुओ तो लो
मैं हट गई हूं
तुम अब मुझे ढूंढो और
अपनी गर्माहट की सरगोशी से
मेरे ख्वाब बुनो
अपने प्यार का कतरा कतरा
कर दो आज पहली नजर में
तुम मेरे नाम
प्यार की राह पे
आज तुम प्यार का पहला कदम
उठाते हुए
मेरे मन के घर के बाहर पड़े
तन के पायदान पर
पहले प्यार की निशानी रखो।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001