सुबह का भुला
सुबह का भुला
सुबह का भूल को भुला दे
नई शुरुवात कर दे
नए विश्वास से नया जीवन बना दे
बार बार वही सोच को
नए विचार में बदल दे
तू चल, नई मंजिल पर
नया इतिहास बना दे
सुबह का भूल को भुला दे
नई शुरुवात कर दे…
– प्रो डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइन्डसेट गुरु
मुम्बई