सुप्रभात
सुप्रभात
ख़ूबसूरत से सफ़र का ,रास्ता हो जाऊँगी।
फूल,कलियों ख़ुशबुओं का, सिलसिला हो जाऊँगी।
दूर मंज़िल है बहुत पर, रख दिया पहला क़दम,
साथ दोगे तुम अग़र तो,कारवां हो जाऊँगी।
स्वरचित
डॉ .रागिनी शर्मा,इंदौर
सुप्रभात
ख़ूबसूरत से सफ़र का ,रास्ता हो जाऊँगी।
फूल,कलियों ख़ुशबुओं का, सिलसिला हो जाऊँगी।
दूर मंज़िल है बहुत पर, रख दिया पहला क़दम,
साथ दोगे तुम अग़र तो,कारवां हो जाऊँगी।
स्वरचित
डॉ .रागिनी शर्मा,इंदौर