मिठाईवाला (बाल कवितायेँ)
(1.) मिठाईवाला
मैं हूँ मिठाईवाला बच्चों
लो, खूब मिठाई खाओ तुम
हिलमिलकर सब नाचो-झूमो
यूँ जमकर मौज उड़ाओ तुम
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(2.) लड्डू–मोदक
सुन बच्चे क्या, बोले ढोलक
जी भर खा ले, लड्डू–मोदक
है पूजा में भी मेरी शान
खाएँ मुझको गणपति हनुमान
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(3.) बर्फ़ी
खोये से बनती हूँ मैं
लोग कहें मुझको बर्फ़ी
सब मुझको खाना चाहें
खर्चो तुम भी अशर्फ़ी
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(3.) पेड़ा
बच्चों वो तो है येड़ा
जो ना खाता है पेड़ा
मुझसे ही सेहत निखरी
मीठा हूँ जैसे मिसरी
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(4.) इमरती
दाल उड़द से मैं बनती
फिर चीनी में जा घुलती
बहन जलेबी सी दिखती
मैं हूँ दमदार इमरती
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(5.) जलेबी
स्वाद बड़ा मीठा अनमोल
मैदे-ओ-चीनी का घोल
सबसे सस्ता मेरा दाम
गोल जलेबी मेरा नाम
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(6.) पतीसा–सोहनपपड़ी
धागे-रुई सा मुझको सबने खींचा
‘सोहनपपड़ी’ कोई कहे ‘पतीसा’
मैदा, बेसन, घी, चीनी से बनता
खाने में मैं भी बर्फ़ी-सा लगता
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(7.) रसगुल्ला
छेना, खोया, चाशनी में डूबा
खाके कोई भी, कभी ना ऊबा
पोप-ग्रन्थी खाये, पाण्डे-मुल्ला
जी मिठास भरा, मैं हूँ रसगुल्ला
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(8.) गुलाब जामुन
न तनिक भी गुलाब जामुन का गुन
क्यों नाम धरा फिर गुलाब जामुन
मैं हूँ मटमैला काला–सा गोला
स्वादिष्ट हूँ, ये हर बच्चे ने बोला
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(9.) मिल्क केक
खोया-चीनी से बना पदार्थ एक
मैं हूँ स्वादिष्ट बड़ा ही मिल्क केक
भूरा दानेदार दिखता हूँ मैं
बर्फ़ी के ही दाम मिलता हूँ मैं
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(10.) घेवर
मैदा-दूध खूब घी मेँ तलकर
तैयार करे हलवाई घेवर
रक्षाबन्धन पर बिकता अक्सर
सब भाई-बहना ले जाते घर
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(11.) पेठा
आयुर्वेदिक औषधि गुण मुझमें
सस्ता स्वादिष्ट हूँ मैं तो बेटा
ताजमहल यदि तुम घूमने जाओ
तो लाओ प्रसिद्ध आगरा पेठा
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