#दोहे – दोस्ती पर आधारित
दवा अनूठी जो मिले , दूर करे हर रोग।
संग रहे जो मीत का , हरता दुख संयोग।।
दोस्ती है अनमोल धन , मिले करे धनवान।
नेकी कर भूले सदा , जाने न एहसान।।
करे शुभेच्छा मीत ही , सही दिखाये राह।
पलपल उत्साहित करे , भरे हृदय उत्साह।।
कृष्ण-सुदामा मीत थे , इक राजा इक रंक।
दशा-सुदामा जान के , हरि हरते दुख पंक।।
सोच-समझ कर मीत का , करना सदा चुनाव।
गति दे अच्छा मीत ही , कपटी दे ठहराव।।
चुगली पीछे पीठ के , सम्मुख मीठे बोल।
शीघ्र छोड़िये मीत वो , राह पतन दे खोल।।
प्रीतम सच्चा मीत ही , मिला नहीं जग एक।
मिले छली ही आज तक , चाहे मिले अनेक।।
#आर.एस.’प्रीतम’