【7】 सुन्दर बगिया
सुबह हुई रवि किरण संभाली, सुन्दरता बगिया ने सँजाली
हरी घास मन में मुस्काली, कलियाँ खिलीं खुश डाली-डाली
सुबह हुई रवि ………….
{1} बगिया में अनुपम हरियाली, तरु की पत्ती बजाए ताली
सुबह सी किरणें बनती आली, अन्धकार जो दूर भगाली
शीतल पवन चली मतवाली, वृक्ष कोपलें वाली-वाली
सुबह हुई रवि ………….
{2} हरी घास पर मोतियन लाली, चारों ओर फैली उजयाली
मुस्काता बगिया का माली, करता जो इसकी रखवाली
चिड़िया चँहकी हैं मतवाली, तितली फूल रस पीने चाली
सुबह हुई रवि …………..
{3} मधुमक्खी मधु लेने चाली, खोजे नई फूलों की डाली
कोयल मधुर स्वरों में गाली, धुन उसकी मन मोहने वाली
बगिया मन ही मन हर्षाली, कहे वाटिका मैं हूँ भाग्यशाली
सुबह हुई रवि …………..
{4} बगिया सी हो घर रखवाली, रोज घरों मैं हो खुशहाली
बैर भाव से घर हौं खाली, अच्छे घरों की बात निराली
छोटे-बडे़ बने सब आली, सबने मुसीबत हल कर डाली
सुबह हुई रवि ……………
सीखः- आलस छोड़ सुबह घूमने जाने वाले ही सुबह का आनंद उठा सकते हैं।
Arise DGRJ { Khaimsingh Saini }
M.A, B.Ed from University of Rajasthan
Mob. 9266034599