सुन्दर पावन धरा भारती ।
सुन्दर पावन धरा भारती
कल कल करती गाती गंगा जय जय गान उचारती
सुन्दर पावन धरा भारती देवभूमि जग तारती ।
वीर प्रसविनी पुण्य भूमि तू
जन गण भाग्य संवारती
सवा अरव पुत्रों की जननी
महामातु माँ भारती ।
कल कल करतीं गाती गंगा जय जय गान उचारती
सुन्दर पावन धरा भारती देवभूमि जग तारती ।
ऋतुएँ अदल-बदल कर खुद से
आँगन तेरा बोहारतीं
प्रहरी वन सागरमाथा की,
चोटी तुम्हें निहारती ।
कल कल करतीं गाती गंगा जय जय गान उचारती
सुन्दर पावन धरा भारती देवभूमि जग तारती ।
प्रकृति स्वयं आ बसे जहां पर
माँ का रूप संवारती,
सागर धोता चरण तुम्हारे
हिमगिरि गाता आरती ।
कल कल करतीं गाती गंगाजय जय गान उचारती
सुन्दर पावन धरा भारती देवभूमि जग तारती ।
अनुराग दीक्षित