सुनो,
सुनो,
प्रेम की ऊंचाईयों से
प्रेम की गहराई देख रहा हूं
सही समझ रहे हो तुम….
मैं बस,
तुम्हें ही सोच रहा हूं…..!!
हिमांशु Kulshrestha
सुनो,
प्रेम की ऊंचाईयों से
प्रेम की गहराई देख रहा हूं
सही समझ रहे हो तुम….
मैं बस,
तुम्हें ही सोच रहा हूं…..!!
हिमांशु Kulshrestha