सुनो
दे दो न अपना कंधा,
जिस पर मै जीवन भर,
टेक सकूँ अपना सिर l
दे दो न वह सुन्दर सपने,
जिसको आँखों में बसाकर,
पूरी जिंदगी काट लूँ l
दे दो वह,
दिलकश अदाएँ,
जिस पर मै वारि हो जाऊं l
दे दो न वह फौलादी सीना,
जिस पर अपना सिर रखकर,
कुर्बान कर दूँ सारी जिन्दगी l