सुनो मैं बदलना चाहती हूं
सुनो मैं बदलना चाहती हूं,
साथ तेरे चलना चाहती हूं।
इस तन्हाई, इस वीराने से,
बचके गुजरना चाहती हूं।
जो भी राज़ छुपाए थे मैंने तुमसे,
वो सब उगलना चाहती हूं।
थक गई हूं जलते जलते,अब
तेरी बाहों में पिघलना चाहती हूं ।
बहुत दिन जी लिया सयाना होके,
आज बच्चे की तरह मचलना चाहती हूं।