सुनो न
सुनो न,,
जब कभी तुम मुझसे मिलना,
शायद मैं मौन ही मिलूँ,
मेरे मौन को पढ़ मेरी बेकरारी को समझना।
सुनो न…
मेरी आँखों की चमक
जो दिल की खुशी का राजदार है
उसे महसूस करना।
सुनो न.
जब कभी तुम मुझसे मिलना
मेरी धड़कनों को सुनना,
गीत प्रेम के जो बज उठे उन्हें गुनना।
सुनो न..
मेरा तुमसे मिलना
एक स्वप्न का हकीकत में बदलना
उस हकीकत को दिल में महसूस करना।
सुनो न,
कुछ इस तरह जब भी मिलना
एक याद दिल में संजोना
जिसे एकांत में अपने संग जीना।