मुझे अधूरा ही रहने दो….
#मुझे_अधूरा_ही_रहने_दो
#मुझे_नहीं_होना_पूरा
पूरा होने का मतलब है
#अस्तित्व_खो_जाना
यानि #उत्कर्ष_रूक_जाना
यानि #निश्चेष्ट_हो_जाना
तो फिर ….
मुझे अधूरा ही रहने दो
जब तक #अधूरापन_है
तब तक #जिंदा_हूँ
#पूरा_होने_की_संभावना_है
यानि #अभ्युदय_के_अवसर है
यानि #पूर्णता_की_ओर_ले_जाने_वाला
#एक_दृष्टि_मार्ग_खुला_है
#खुद_से_खुद_की_तलाश_का_देवयोग है
#विचारों को #विस्तार देने के पल है
#चिंतन और #श्रेष्ठ_मनन से #अंतर्मन
की #चेतना_सींचने_का_सुयोग है
मुझे खुशी है कि मैं अपूर्ण हूँ
क्योंकि #मैं_मृत_नहीं_हूँ
ये अधूरापन #अंत_नहीं है
ये तो #मेरा_आरम्भ है
#सच और #झूठ को
#पारदर्शिता_से_देखने का
सिर्फ देखती हूँ किंतु
#नहीं_चाहती_हूँ_परखना
जानती हूँ और मानती हूँ
गर हो #श्रद्धा और #विश्वास
तो हो #हृदय_से_अन्यथा_ना हो
#जो_जैसा_है_उसे
वैसे ही #चाहती_हूँ_अपनाना
नहीं बनानी #अनाकांक्षित_धारणा
मैं नहीं चाहती अवलोकन
#आत्महित_का_भिन्न_भाव_से
क्योंकि
एक सच ये भी है
#मैं_सिर्फ_मैं_हूँ
कोई पृथक नहीं
हाँ #मै_खुश_हूँ कि
मैं अपूर्ण हूँ…….
संतोष सोनी
जोधपुर (राज.)