सुना है सकपने सच होते हैं-कविता
मन की तरंगे बढ़ने दो
मन पतंग सा उडने दो
पंख तेरे अब खुलने दो
भ्रम की दीवारें गिरने दो
नैनो में सपने पलने दो
सिंचित-पोषित
बीज अंकुरित होते हैं..,
सुना है ,सपने सच होते हैं
उम्मीद का सूरज उगने हेतु
अंधियारा मिटाने हेतु
उजियारा फैलाने हेतु
खुशियों के मोती चुनने हेतु
गहराई में ,
गोते लगाने पड़ते हैं
सुना है ,सपने सच होते है
बिन थके जो हम
चलते रहें,
कर्तव्य् पथ पर जो
हम डटे रहें,
उत्साह और विस्वास से
हम भरे रहें..
तब जाके हम कर्मठ बनते है
सुना है,सपने सच होते हैं…।।