Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Jan 2020 · 1 min read

सुनहरा मंजर…

दूर से देखा तो बड़े ही सुनहरे मंजर थे,
पास पहुंचा तो सारे खेत बंजर थे.
हम उनके पास से भी प्यासे लौटे,
जिनके आंखों में प्यार के समंदर थे.
मासूम चेहरे में जब भी झांक कर देखा,
कितनी ही शैतान उनके अंदर थे.
खुशी- खुशी उनके पहलू में जा बैठे,
जिनके हाथों में खूनी खंजर थे.
वक्त की मार से बच रहा है कौन,
मिल गए धूल में कल तक जो सिकंदर थे…

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 688 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तारों की बारात में
तारों की बारात में
Suryakant Dwivedi
$ग़ज़ल
$ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
एक लंबी रात
एक लंबी रात
हिमांशु Kulshrestha
*दादा जी ने पहना चश्मा (बाल कविता)*
*दादा जी ने पहना चश्मा (बाल कविता)*
Ravi Prakash
सर्द हवाएं
सर्द हवाएं
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
Disagreement
Disagreement
AJAY AMITABH SUMAN
मदहोशियां कहाँ ले जाएंगी क्या मालूम
मदहोशियां कहाँ ले जाएंगी क्या मालूम
VINOD CHAUHAN
कोरोना काल में काल से बचने के लिए
कोरोना काल में काल से बचने के लिए "कोवी-शील्ड" का डोज़ लेने व
*प्रणय*
*शुभ दीपावली*
*शुभ दीपावली*
गुमनाम 'बाबा'
कुंए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है
कुंए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है
शेखर सिंह
अधीर होते हो
अधीर होते हो
surenderpal vaidya
*शून्य से दहाई का सफ़र*
*शून्य से दहाई का सफ़र*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मौन समझते हो
मौन समझते हो
मधुसूदन गौतम
जिन्दगी हर क़दम पर दो रास्ते देती है
जिन्दगी हर क़दम पर दो रास्ते देती है
Rekha khichi
कुसुमित जग की डार...
कुसुमित जग की डार...
डॉ.सीमा अग्रवाल
"बड़ी चुनौती ये चिन्ता"
Dr. Kishan tandon kranti
ओस
ओस
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
कुछ नमी अपने साथ लाता है
कुछ नमी अपने साथ लाता है
Dr fauzia Naseem shad
पश्चिम का सूरज
पश्चिम का सूरज
डॉ० रोहित कौशिक
4345.*पूर्णिका*
4345.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वक्त की चोट
वक्त की चोट
Surinder blackpen
मन दुखित है अंदर से...
मन दुखित है अंदर से...
Ajit Kumar "Karn"
प्रेम.... मन
प्रेम.... मन
Neeraj Agarwal
इक रोज़ मैं सोया था,
इक रोज़ मैं सोया था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जीवन का अभाव लिखती है
जीवन का अभाव लिखती है
नूरफातिमा खातून नूरी
तख्तापलट
तख्तापलट
Shekhar Chandra Mitra
दोहा पंचक. . . . नवयुग
दोहा पंचक. . . . नवयुग
sushil sarna
*ख़ास*..!!
*ख़ास*..!!
Ravi Betulwala
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
प्रेम के नाम पर मर मिटने वालों की बातें सुनकर हंसी आता है, स
पूर्वार्थ
Loading...