सुनने को तरसे
दिल तुझे सुनने को तरसे ।
तुझे सुने हुए कितने अरसे।
दीदार भी मुश्किल से होता,
अब तो निकल आ घर से।
दिल तुझे सुनने को तरसे।
तेरे लफ्जों का हकदार हूँ मैं।
तुझे सुनने को बेकरार हूँ मैं।
तुझे मुश्किल से पाया रब से।
दिल तुझे सुनने को तरसे ।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी